जून 2025 में वाहन बिक्री में जबरदस्त बढ़ोतरी

इस साल जून महीने की रिपोर्ट ने कंपनियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। भारतीय ऑटोमोबाइल डीलर्स फेडरेशन (FADA) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, यात्री वाहनों की बिक्री में 8% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी कंपनियों ने जून में बिक्री के आंकड़ों में अच्छी ग्रोथ दिखाई। खास बात यह रही कि SUV और हैचबैक सेगमेंट में ग्राहकों की दिलचस्पी ज़्यादा रही।

FADA का मानना है कि मानसून की शुरुआत और ग्रामीण बाजारों में मांग बढ़ने के चलते यह सकारात्मक बदलाव आया है।


इलेक्ट्रिक वाहन बनते जा रहे हैं पॉपुलर चॉइस

अब बात करें ईवी यानी इलेक्ट्रिक वाहनों की, तो यह क्षेत्र लगातार चर्चा में है। टाटा, ओला, और MG मोटर्स जैसी कंपनियाँ इस सेगमेंट में नए मॉडल्स ला रही हैं।

टाटा की Nexon EV और Tiago EV को ग्राहकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। वहीं, दोपहिया सेगमेंट में ओला और TVS के इलेक्ट्रिक स्कूटर धूम मचा रहे हैं। सरकार की FAME-II स्कीम और राज्य सरकारों की सब्सिडी ने ईवी की बिक्री को और भी आसान बना दिया है।

इसके अलावा, अब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी तेजी से काम हो रहा है जिससे ग्राहकों का भरोसा इलेक्ट्रिक वाहनों में बढ़ा है।


वाहन निर्माता कंपनियों के लिए नई टेक्नोलॉजी बनी फोकस

आजकल ऑटोमोबाइल कंपनियाँ सिर्फ गाड़ी नहीं, एक ‘स्मार्ट मशीन’ बनाने की ओर बढ़ रही हैं। एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS), कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी और AI-बेस्ड फीचर्स अब कारों का हिस्सा बनते जा रहे हैं।

हुंडई और किआ जैसी कंपनियाँ मिड-रेंज सेगमेंट में भी इन आधुनिक फीचर्स को शामिल कर रही हैं। इससे न केवल ड्राइविंग सेफ होती है बल्कि ग्राहक को टेक्नोलॉजी का बेहतर अनुभव भी मिलता है।


कार फाइनेंसिंग में आई नई सुविधा

वाहन खरीदना अब पहले की तुलना में आसान हो गया है। बैंक और एनबीएफसी कंपनियाँ अब कस्टमाइज्ड लोन विकल्प दे रही हैं। जीरो डाउन पेमेंट, लो EMI प्लान और डिजिटल लोन एप्लिकेशन जैसे विकल्पों ने ग्राहकों को बहुत राहत दी है।

ऑनलाइन पोर्टल्स और मोबाइल ऐप्स के ज़रिए अब कुछ ही मिनटों में लोन स्वीकृत हो रहा है। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को सीधा लाभ मिल रहा है क्योंकि अधिक ग्राहक बिना किसी झंझट के गाड़ी खरीद पा रहे हैं।


ऑटोमोबाइल एक्सपो और लॉन्च इवेंट्स से बढ़ा उत्साह

साल 2025 में अब तक कई नए वाहन लॉन्च हुए हैं और कुछ बड़े लॉन्च आने वाले महीनों में होने वाले हैं। दिल्ली, पुणे और बेंगलुरु में हुए ऑटो इवेंट्स में भारी भीड़ देखने को मिली।

हाल ही में किआ ने अपनी अपडेटेड Seltos को लॉन्च किया, जिसे ग्राहकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली। वहीं, मारुति की आने वाली 7-सीटर MPV भी चर्चा में है।

ऑटो शो न सिर्फ ब्रांड को प्रचार करने का मौका देते हैं बल्कि ग्राहकों को तकनीक के नए ट्रेंड्स से भी अवगत कराते हैं।


चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं

हालांकि ग्रोथ अच्छी दिख रही है लेकिन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के सामने कुछ चुनौतियाँ भी हैं। सबसे बड़ी समस्या है सेमीकंडक्टर की कमी। इससे उत्पादन पर असर पड़ता है और ग्राहकों को डिलीवरी के लिए इंतजार करना पड़ता है।

इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी भी चिंता का विषय बनी हुई हैं। वहीं, ग्रामीण इलाकों में क्रय शक्ति की असमानता भी एक बड़ी चुनौती है। लेकिन कंपनियाँ अब इन बाधाओं से पार पाने के लिए नए रास्ते खोज रही हैं।


सरकार की नीति और सहयोग बना ताकत

भारत सरकार की ऑटो सेक्टर के लिए बनाई गई नीतियाँ इस इंडस्ट्री को मजबूती दे रही हैं। ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव’ (PLI) स्कीम के जरिए सरकार वाहन निर्माताओं को प्रोत्साहन दे रही है।

साथ ही, ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में राहत और EV चार्जिंग प्वाइंट्स की स्थापना जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।

इससे कंपनियों का आत्मविश्वास बढ़ा है और वह लंबे समय के लिए इनोवेशन में निवेश कर रही हैं।


निष्कर्ष: ऑटो इंडस्ट्री की रफ्तार फिर से तेज़

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत की ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री अब दोबारा रफ्तार पकड़ चुकी है। चाहे वो बिक्री के आंकड़े हों, ईवी की ग्रोथ हो या नई तकनीक की बात – हर पहलू में पॉजिटिव सिग्नल नज़र आ रहे हैं।

हमें यह भी उम्मीद रखनी चाहिए कि आने वाले समय में यह क्षेत्र और भी अधिक बदलाव लेकर आएगा, खासकर जब ग्राहक स्मार्ट विकल्पों को प्राथमिकता देने लगे हैं।

तो आप बताइए, क्या आप अगली बार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का सोच रहे हैं? या फिर SUV सेगमेंट आपका फेवरेट है? अपने विचार ज़रूर साझा करें!