
🚗 भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग: आज का स्वरूप
1. भारत से ऑटो निर्यात में 22% की वृद्धि
भारत एक्सपोर्ट में तेजी से आगे बढ़ रहा है: चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल–जून 2025) में ऑटोमोबाइल निर्यात में लगभग 22% की बढ़ोतरी हुई है, जो 1.19 मिलियन यूनिट से बढ़कर 1.45 मिलियन यूनिट हो गई थी।
यह संकेत करता है कि वैश्विक मांग भारत से बने वाहनों के लिए काफी मजबूत बनी हुई है।
2. ऑटो डीलर संघ FADA की चेतावनी

FADA (Federation of Automobile Dealers Associations) ने जून 2025 में रिटेल बिक्री में 9.4% की गिरावट दर्ज की है और यह बताया कि लगभग 55 दिन की कार इन्वेंटरी हो गई है—जबकि आदर्श स्तर 21 दिन हैReuters।
इन्वेंटरी डेज़ अधिक होने का मतलब है कि वाहन बाजार में सप्लाई ज़्यादा और मांग धीमी है, जिससे डीलरशिप्स को तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
3. भारत-UK मुफ्त व्यापार समझौता और ऑटो उद्योग
भारत और यूके ने एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत भारत में UK कारों का आयात शुल्क 100% से घटाकर 10% तक किया जाएगा, लेकिन केवल सीमित कोटा के भीतर।
इसका लाभ ब्रिटिश लक्ज़री वाहन (जैसे Jaguar, Land Rover, Bentley) को मिलेगा, जबकि भारतीय बजट सेगमेंट की कारों पर रक्षा बनी रहेगी।
4. टेस्ला का Robotaxi सेवा विस्तार
टेस्ला ने Robotaxi सेवा शुरू कर दी है, फिलहाल केवल ऑस्टिन, यूएसए में और जल्द ही सैन फ्रांसिस्को में विस्तार योजना है। लेकिन इसके लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति की प्रतीक्षा हो रही है।
5. Tamil Nadu में EV इकोसिस्टम की मजबूती

Renault India के MD ने कहा है कि तमिलनाडु में EV वाहन उत्पादन और सप्लाई इकोसिस्टम मजबूत हो रहा है।
Renault-Nissan Oragadam प्लांट फिलहाल 50% क्षमता पर चल रहा है और कंपनी चार नए प्रोडक्ट (जिसमें EV शामिल हैं) लाने की योजना बना रही है, लेकिन यह नीति व्यवस्था और लॉजिकिस्टिक्स सुधारों पर निर्भर करेगा।
6. UP में जापानी निवेश: DENSO का ₹250 करोड़ का EV कम्पोनेंट प्लांट
DENSO Corporation ने उत्तर प्रदेश में ₹250 करोड़ का निवेश किया है, जहाँ एक मोटर‑जनरेटर फैक्ट्री स्थापित होगी, EV और हाइब्रिड वाहनों के लिए कम्पोनेंट्स बनाये जाएँगे।
इससे UP में वाहन निर्माण उद्योग को मजबूती मिलेगी, और स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
7. IIT गुवाहाटी का बांस‑आधारित ऑटो इंटरियर
IIT गुवाहाटी ने एक नया बांस‑आधारित कंपोजिट विकसित किया है, जो वाहन के डैशबोर्ड्स, सीट बैक और डोर पैनल जैसे हिस्सों में प्लास्टिक के स्थान पर इस्तेमाल हो सकता है।
यह पर्यावरण के अनुकूल, मजबूत और टिकाऊ है।
📅 जुलाई 2025 में भारत में लॉन्च होने वाले प्रमुख वाहन
8. MG Cyberster और MG M9 EV
- MG Cyberster इलेक्ट्रिक रोडस्टर है, जिसमें 77 kWh बैटरी, AWD, 510 PS पावर और तकरीबन 443 किमी रेंज है। कीमत लगभग ₹80 लाख हो सकती है, इसकी जानकारी 25 जुलाई को सामने आएगी।
9. Tata Harrier EV
Tata Motors ने Harrier EV जून 2025 में लॉन्च किया है, जिसमें 65 या 75 kWh LFP बैटरी के विकल्प, ADAS features और AWD ऑप्शन शामिल हैं। इसकी रेंज ~627 किमी (MIDC) तक हो सकती है।
10. अन्य July 2025 मॉडल
- Kia Carens Clavis EV (MPV), लगभग ₹18–22 लाख कीमत और 490 किमी रेंज।
- Mahindra Scorpio N EV, ₹16–22.5 लाख, 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग।
- Toyota Aqua Hybrid (हैचबैक), ₹10–12 लाख, शहर में ईंधन दक्षता।
इन लॉन्चों के साथ भारतीय बाजार इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
🧠 उद्योग के रणनीतिक रुझान और सीख
- स्प्लाई चेन चुनौतियाँ: वैश्विक कच्चा माल संकट, भूराजनीतिक तनाव और rare-earth सामग्री की कमी supply disruptions को बढ़ा रही है, जिससे उत्पादन धीमा हो रहा है।
- स्थानीयकरण पर जोर: VinFast जैसे नए EV खिलाड़ी भारत में स्थानीय उत्पादन स्थापित कर रहे हैं, जैसे कि Tamil Nadu (Thoothukudi) में विनफास्ट की विनिर्माण इकाई, जो जून 2025 तक शुरू होना तय है।
- ट्रेड और नीतिगत सुधार: भारत‑UK FTA जैसे फैसलों से उद्योग को लाभ मिल रहा है, लेकिन साथ ही घरेलू उत्पादन और किफायती मार्केट को संरक्षित रखने की रणनीति भी अपनाई जा रही है।
- तकनीकी नवाचार: IIT गुवाहाटी जैसी संस्थाएँ सस्टेनेबल सामग्री पर काम कर रही हैं, जिससे ऑटो इंडस्ट्री में टिकाऊ विकास की उम्मीद है।
✍️ निष्कर्ष
इन सभी समाचारों से स्पष्ट है कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में EV की बढ़ती लोकप्रियता, निर्यात में जबरदस्त टर्नओवर, नई विदेशी कंपनियों की भारत में निवेश और स्थानीय नीति सुधार जैसे कारक मिलकर भारतीय ऑटो उद्योग को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं।
वहीं, डीलर नेटवर्क और supply-chain चुनौतियाँ ध्यान से देखे जाने योग्य हैं।